गर्भधारण करने का नया फार्मूला

बच्चे की चाह रखने वाली महिलाओं के लिए वैज्ञानिकों ने एक ठंडा-ठंडा, मीठा-मीठा फार्मूला इजाद किया है। एक नए शोध के मुताबिक जो महिलाएँ किसी कारण से गर्भधारण नहीं कर पा रही हैं, यदि वे जीभर कर आइसक्रीम खाएँ तो गर्भधारण की संभावना कई गुना ब़ढ़ जाती है। इसके लिए यह ध्यान रखना जरूरी है कि डेयरी उत्पाद कम वसा वाले बिलकुल न हों।

शोध की रिपोर्ट कहती है कि गर्भधारण से पूर्व महिलाओं को अधिक से अधिक वसायुक्त दूध और आइसक्रीम का सेवन करना चाहिए। इससे न सिर्फ उनके शरीर में भरपूर ऊर्जा का संचार होगा, बल्कि गर्भधारण में आ रही परेशानियाँ भी काफी हद तक कम हो जाएँगी।

रिपोर्ट में चेतावनी देने वाली जो बातें कही गई हैं उनके अनुसार सपरेटा दूध, दही और कम वसा वाले दुग्ध उत्पादों का इस्तेमाल नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। अमेरिकी शोधकर्ताओं ने अपने शोध के दौरान पाया कि यदि महिलाएँ दिन में दो से तीन बार तक कम वसा वाले दुग्ध उत्पादों का इस्तेमाल करती हैं, तो उनमें गर्भधारण करने की क्षमता 85 प्रतिशत तक कम हो जाती है।

पुरुष के कामोत्तेजक अंग

पुरुष के कामोत्तेजक अंग
पुरुष के सर से पांव तक के सभी अंग उसे उत्तेजना का सामान बना सकते हैं. बस यह जानने की जरूरत है कि उसके उन अंगों को छूने का सही तरीका क्या है.

खोपड़ी
पुरुष की खोपड़ी भी एक कामोत्तेजक क्षेत्र हो सकती है. इस क्षेत्र में हल्के हाथों से मसाज करने पर उसे एक सनसनाहट का एहसास होता है. इसके पश्चात फव्वारों के बीच उसे बालों को धो दे.

कान
फुसफुसाते हुए अपनी कल्पना को साकार होते हुए देखे जब आप उसके कानों को हौले से कुतरते हुए एक आग पैदा कर रहीं हों. ध्यान रखें की हल्के से दांत गड़ाएं साथ ही कान के चारों ओर ओंठों से दबाते हुए चूसे तथा बीच में फूंक मारकर एक अलग सा अहसास पैदा करें. लेकिन इस दौरान जीभ से धक्का तब तक न दें जब तक कि आप यह निश्चित न कर लें कि यह उसे पसंद है .

ओंठ
हर पुरुष चूमना पसंद करता है. अपनी जीभ उसके निचले ओंठ पर फिराएं. इसके साथ ही उसपर चूमना शुऱू करते हुए उसके ओंठों को अपने ओंठों मे भरने का प्रयास करें इस दौरान उससे चिपकते हुए उसके नितम्बों को ग्रिप में लें, इसके साथ ही अपने नाभि क्षेत्र को उससे रगड़ते भी जाएं जो उसे एक सुखद अहसास दिलाएगा.

गला
प्यार भरी चुभन (दांत से काटना) को लेकर अपना सीमा क्षेत्र न बनाएं और वहीं के होकर न रह जाएं. अपने ओंठ और जीभ उसकी गर्दन पर फिराते हुए उसे बहकाएं.

कंधे
उसे कंधों पर दबाव देते हुए सहलाएं इससे उससे आराम की अनुभूति होगी. फिर अपने बालों से उसके कंधों पर ब्रश करें जो उसमें सनसनी भरेगा फिर उसके कंधों पर गहरे चुंबन दें.

उंगलियां
उंगलियां भी उत्तेजना का एक महत्वपूर्ण अंग बन सकती हैं. उसकी उंगलियों को ठीक उसी तरह चूसे जैसे मुख मैथुन कर रहीं हों. इस दौरान उसकी आंखों में देखते हुए उसे यह अहसास कराएं कि आप ऐसी महिला है जो उस चीज को चूसने पर वास्तव में आनंद का अनुभव करती है.

सीना
यह महिलाओं के निप्पल की तरह संवेदनशील नहीं है लेकिन उससे कम भी नहीं है. कई पुरुष अपने निप्पल को चुटकी काटना और खींचना पसंद करते है. इसलिये यहां दबाव देकर देखें उसे क्या पसंद है साथ ही उसके सीने में रुकने को नजरअंदाज न करें. यहां निश्चित समय देना जरूरी है. इस दौरान उसके सीने में अंगुलियां फिरा कर उसमें उत्तेजना भरने का प्रयास करें यदि सीने में बाल हैं तो उनमें उंगलियों की सहायता कंघी करने का उपक्रम करें इससे उसमें उत्तेजना का संचार होगा.

पीठ
कुछ पुरुष यहां मसाज करना पसंद नहीं करते हैं लेकिन कई लोग इसे उत्तेजक मानते हैं. यहां अपने हाथ फिराएं, थपथपाएं तथा गूंथने का उपक्रम करें . इस दौरान चिकने द्रव्य या टेलकम पावडर का भी प्रयोग करके इस खेल को और रोमांचक व सनसनी युक्त बना सकते हैं. इस दौरान उसके कूल्हों पर उंगलियों से गड्ढे बनाना काफी उत्तेजक होता है.

कूल्हे
कूल्हों पर केन्द्रित होकर समय का दबाव यहां खर्च कर सकते हैं. ज्यादातर पुरुष यहां हाथों से टटोलना पसंद करते हैं तथा यहां मसाज के साथ ग्रिप में लेकर दबाव देना भी उनमें उत्तेजना भरता है. इस समय उनके कूल्हों को उंगलियों में दबाते हुए खींचना अच्छा लगता है तो कुछ को हाथ फिराते हुए नाखूनों का हल्का दबाव भी उत्तेजित करता है.

लिंग
लिंग पुरुष का सबसे संवेदनशील अंग होता है. इसका अग्र सिरा तो सबसे ज्यादा उत्तेजक होता है. अपनी हथेलियों को इसपर फिराते हुए उसे उत्तेजित कर सकती हैं या फिर आपको और उसे पसंद हो तो चूस कर भी उत्तेजित किया जा सकता है. कुल मिला कर लिंग ही उत्तेजना का पूरा सामान है इसे आप अपनी और उसकी पसंद के हिसाब से जैसा चाहे वैसा करते हुए सनसनाहट का ज्वार पैदा कर सकती हैं. लिंग का हर हिस्सा उत्तेजना की नसों से भरा होता है जो छूने मात्र से कामोद्दीप हो जाता है.
इसके नीचे झूलती दो थैलियां भी संवेदना का पर्याय बन सकती है. अण्डकोश को हल्के से हथेलियों में लेकर सहलाया जा सकता है साथ ही जीभ से चाटकर यहां से सनसनाहट भरी जा सकती है.

उत्सर्गांतराल (Perineum)
यह क्षेत्र लिंग और गुदा के बीच का क्षेत्र होता है. कई पुरुष इस हिस्से पर दबाव देना पसंद करते हैं जब उनके साथ मुख मैथुन किया जा रहा हो या फिर उन्हें उन्हें उत्तेजित किया जा रहा हो.

गुदा और प्रोस्टेट
हालांकि यह कम प्रचलित हिस्सा है लेकिन भारत के बाहर और पश्चिमी सभ्यता वाले देशों में यह काफी पसंद किया जाने लगा है. कुछ पुरुष गुदा की सहलाहट से उत्तेजना महसूस करते हैं. वहीं पुरुष जी - स्पॉट के नाम से जाना जाने वाला हिस्सा प्रोस्टेट भी उत्तेजना का सबब बन सकता है. इसके लिये स्निग्ध द्रव्य से डूबी उंगली उसकी गुदा में हौले-हौले प्रवेश कराएं . प्रोस्टेट अखरोट के आकार की ग्रंथि होती है. जो गुदा के कुछ इंच अंदर सामने की दीवार की ओर पाई जाती है. उंगली अंदर डालने के बाद लिंग की ओर दबाव डालने पर यह हिस्सा सहजता से मिल जाता है. इसपर डाला गया दबाव पुरुष को उत्तेजित करता है.

जांघे
पुरुष की जांघें भी काफी संवेदनशील होती है. इसके लिये उसके पैर से जांघों की ओर आएं . यहां उसकी जांघों को सहलाएं साथ ही हल्के से थपथपाएं हुए दांतों का हल्का सा दबाव भी डाल सकती हैं. लेकिन जिन्हे गुदगुदी लगती हो उनके लिये इस उत्तेजना से बचना चाहिए.

घुटने
घुटनों के पिछले हिस्से पर चूमना और थपथपाना भी उत्तेजना पैदा करता है.

पांव व अंगूठा
पांव पर रगड़ देना उसे यह बताता है कि आप उसे कितना प्यार करते है. सेक्स विज्ञानियों का मत है कि पांव के तलवे व अंगूठे से शरीर के कई हिस्सों का संबंध होता है. इसलिए यहां सहलाने का असर शरीर में कहीं और भी उत्तेजना भर सकता है. कुछ लोगों का मानना अंगूठा उत्तेजना का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है.

सेक्स पोजीशन

सेक्स पोजीशन जब महिला उपर हो
पोजीशन ही सेक्स क्रिया का महत्वर्ण पड़ाव होता है. तमाम प्रयासों का निष्कर्ष इसी पर आकर शुरू होता है. सेक्स पोजीशन की महत्ता प्राचीन काल से ही रही है. इसपर वात्सायन ने भी काफी कुछ दिया है, तो चीन में भी काफी कुछ नया मिला हैपाश्चात्य देशों ने भी इस पर काफी कुछ नया किया है. हिन्दुस्तान में मुगलों ने रति क्रीड़ा के आसनों को एक नया आयाम और रूप दिया. वहीं आज इसपर काफी कुछ शोध होते होतेकई आनंददायी रूपों में निखर कर सामने आया है. इन प्राचीनतम , आधुनिकतम पाश्चात्य का निचोड़ यह है कि सेक्स पोजीशन को पांच मुख्य भागों में बांटा जा सकता है. इनमें है

* जब महिला उपर हो
* जब पुरुष उपर हो
* खड़े होकर
* अन्य पोजीशन
* मुख मैथुन पोजीशन



जब महिला उपर हो
जैसा की नाम से ही स्पष्ट है कि इस पोजीशन में महिला अपने पार्टनर के उपर होती है. विन्यास के अनुसार इसमें रिसीवर () अपने पार्टनर के उपर रह कर आनंद की नाव खेता है. इस पोजीशन में प्रवेश गहराई तक होता है तथा नियंत्रण काफी कुछ हद तक महिला के पास रहता है. इस पोजीशन में महिला रति क्रीड़ा की गति और योनि में लिंग के प्रवेश की गहराई सहित उसके धक्के को नियंत्रित कर सकती है. इसलिये जब महिला तेज सेक्स से डरती हो तथा सेक्स क्रिया के दौरान पुरुष महिला को पावर का प्रयोग करते देखना चाहता है उनके लिये यह पोजीशन काफी बेहतर है.

1. कलाबाज पोजीशन
यह पोजीशन सेक्स के चरम तक जाकर आनंद लेने वालों के लिये है. इस पोजीशन को सहजता से पाने का तरीका यह है कि इसके लिये पुरुष को अपनी पीठ के बल लेट जाने दे. फिर उसके लिंग के उपर योनि को ले जाकर महिला घुटनों तक अपने पैर बिस्तर पर सीधे कर ले फिर घुटनों के उपर जाघों को सीधा करते हुए योनि को धीरे धीरे लिंग में प्रवेश कराएं. इसके पश्चात महिला पुरुष के उपर पीछे की ओर झुकते हुए पीठ के बल लेट जाए. यह पोजीशन कलाबाज पोजीशन कहलाएगी. इस पोजीशन में दाता (पुरुष ) पर स्ट्रोक करने की जिम्मेदारी होती है, लेकिन नियंत्रण महिला का ही होता है.
मूल्यांकन


उन्नयन
तकियाः इस पोजीशन में ज्यादा आनंद के लिये उसके पीछे तकिया रखा जा सकता है.
हाथों का प्रयोगः इसके तहत महिला को ज्यादा आनंद देने के लिये पुरुष उसके सीने के साथ खिलवाड़ कर सकता है

परिवर्तन

एशियन घुड़सवारः इसमें महिला ही मोर्चा संभालती है. यह फुर्तीले और जोशीले लोगों का पसंदीदा आसन है. इसमें महिला पुरुष के उपर उकड़ू होकर अपनी योनि उसके लिंग में प्रवेश कराती है. तथा पुरुष उसके चूतड़ो को अपने हाथों से सहारा देता है.

घुड़सवारः यह तरीका एशियन घुड़सवार पोजीशन से मिलता जुलता है. इसमें प्रवेश व घर्षण की तीव्रता काफी तेज रहती है. इसमें महिला अपनी टांगे बिस्तर पर फैला कर घुटनो के बल पुरुष के लिंग के उपर बैठती है. उपर नीचे होने में सहायता के लिये पुरुष अपने हाथों से उसके कमर के पास से सहारा देता है.

उल्टा पीछे से प्रवेशः यह तरीका कलाबाज से मिलता हूआ है. इसमें कलाबाज पोजीशन में थोड़ा बदलाव करते हुए महिला को अपने पांव खोल कर सीधे कर लेने हैं तो पुरुष को घुटनों से अपने पांव उपर उठा लेना है. यह तरीका पुरुष को महिला के अंगों को सहलाने का पूरा मौका देता है. इस तरीके में महिला के पास पूरी कमान नहीं होती है क्योंकि वह अपना भार स्थिर रखने की वजह से नियंत्रण से पकड़ कमजोर हो जाती है. इसमें घर्षण और हरकत की पूरी जिम्मेदारी पुरुष पर होती है.

चेहरे पर सवारीः काउगर्ल पोजीशन के सारे आनंद और नियंत्रण की शुरुआत इसी पोजीशन से शुरु होती है. यह मूलतः मुख मैथुन की पोजीशन है. इसमें पुरुष पीठ के बल सीधा लेटा जाता है और महिला घुटनों के बल अपना भग क्षेत्र पुरुष के चेहरे के उपर ले जाती है. यह काफी पसंद इसलिये की जाती है क्योंकि इसमें नियंत्रण महिला के हाथ में होता है तथा वह आगे पीछे होकर अपना फोकस बदल सकती है. ज्यादा दबाव के लिये थोड़ा नीचे आकर उत्तेजना वृध्दि का आनंद उठा सकती है.
रोडियोः यह घुड़सवार पोजीशन का उल्टा तरीका है. इसमें पुरुष महिला की पीठ का हिस्सा देख सकता है साथ ही महिला के स्तन आदि तक उसे पहुंचने में कठिनाई होती है. जिन्हें घुड़सवार पोजीशन में फिसलने में परेशानी हो उनके लिये जी-स्पाट घर्षण की यह सही पोजीशन है. वैसे भी इसमें जी-स्पाट को काफी तरीके से रगड़ा जा सकता है साथ ही इसमें पुरुष को प्रवेश का काफी हिस्सा मिलता है. इसमें पुरुष पीठ के बल लेट जाता है और महिला उसके चेहरे की ओर पीठ करके उसके लिंग के उपर घुटनों के बल आकर प्रवेश कराती है. तथा अपने शरीर को सहारा पुरुष के पांवों में हाथ टिकाकर देती है. इसलिये इस तरीके में तेज और आसान सेक्स होता है.


2. अमेजॉन पोजीशन

यह पोजीशन कमजोर लोगों के लिये नहीं है, इस पोजीशन में कठोर महिला ही उपर होती है. यह प्रवेश का आसान तरीका भी नहीं है. यह पोजीशन महिला को नियंत्रण का इन्द्रियबोध और पावर प्रदान करती है, जो कि ज्यादातर पोजीशनों में नहीं पाई जाती है. इस पोजीशन में महिला अपने पार्टनर को विहंगम रूप से देख सकती है तो इस पोजीशन में खुद उसके स्तन व आसपास के क्षेत्र एक नए कोण से एक्सपोज होते है जो उत्तेजना की वृद्धि में सहायक होती है. इसमें पुरुष पीठ के बल लेट कर अपने पांव उपर उठा कर घुटनों से मोड़ लेता है. इसके पश्चात महिला पुरुष के कूल्हों के सहारे अपने कूल्हे को टिकाते हुए अपनी योनि को उसके लिंग में प्रवेश कराती है. इस दौरान पुरुष अपने पैरों से उसे कांख के पास से सहारा देता है तो महिला स्वयं अपने हाथों से पांवों को पकड़ कर बैलेंस बनाते हुए स्वयं का सहारा लेती है.


उन्नयन
तकियाः इस पोजीशन को ज्यादा मजेदार व आनंददायी बनाने के लिये पुरुष अपने नीचे तकिया लगा सकता है.


3. हत्थाकुर्सी पोजीशन
यह काफी सृजनात्मक पोजीशन है. यह पोजीशन काफी आनंद भरी होती है जब यह अपनी लय से नीचे आती है. इस पोजीशन को पाने के लिये पुरुष अपने पांव सीधे फैला कर हाथ के सहारे बैठ जाता है. इसके पश्चात महिला उसके लिंग के उपर अपनी योनि ले जाकर अपने पांव उसके कंधे पर रखती है. इसके बाद महिला अपने कंधे की सीध में अपने हाथ ले जाकर हाथों के सहारे अपने कूल्हे को गति प्रदान कर रति क्रीड़ा करती है. हालांकि कुछ समय के लिये इस पोजीशन में महिला को कुछ अतिरिक्त जोर झेलना पड़ता है. लेकिन अभ्यास के बाद यह पोजीशन काफी आनंददायी हो जाती है.

तकियाः इसमें ज्यादा आनंद और आराम के लिये पुरुष चाहे तो अपने पीछे तकिया रख सकता है.
हाथः इसमें पुरुष तकिया या फिर किसी अन्य सहारे के टिके होने के बाद पार्टनर को ज्यादा आनंद देने के लिये उसके पीछ हाथ फेर सकता है, कूल्हों के उपर थपथपाते हुए चपत लगा सकता हैया फिर गति के दौरान हाथों से कूल्हों को सहारा दे सकता है. इससे महिला कम ताकत लगा कर भी और तेजी से धक्के लगा सकती है. .


यह हत्थाकुर्सी से मिलती जुलती पोजीशन है इसमें पुरुष अपने पैरों को घुटनों के पास से थोड़ा उपर उठा लेता है और उसके हाथ महिला को कूल्हों के पास से सहारा देने का काम करते हैं तथा महिला अपने दोनों पैर उसकी कमर से सटाते हुए सीधे फैला लेती है तथा योनि को लिंग में प्रवेश कराने के बाद अपने हाथ उसके कंधे पर रख सहारा लेती है. इसमें महिला पुरुष काफी निकट रहते हैं इससे यह काफी निकटता प्रदान करती है.

बैठा सांड़
इसमें पुरुष बिस्तर में अपने पांव सीधे करके बाहर की ओर फैलादेता है. महिला पुरुष के सामने पीठ के बल लेट जाती है और अपने पैर पुरुष के कंधों में रख देती है. इस अवस्था में उसकी योनि ठीक पुरुष के लिंग के सामने आ जाती है. रति क्रीड़ा के दौरान पुरुष महिला की जांघो के पास पकड़ कर धक्कों की गति को नियंत्रित (कम-ज्यादा) कर सकता है.

4. घुड़सवार पोजीशन
जैसा की नाम से ही स्पष्ट है इसमें महिला ऐसा व्यवहार करती है मानों वह घुड़सवारी कर रही है. जिस तरह घुड़सवारी के दौरान घुड़सवार घोड़े के झटके से उपर नीचे उछलता है ठीक कुछ ऐसी ही स्थिति रतिक्रीड़ा के दौरान महिला बनाती है. यह किसी महिला की सबसे पसंदीदा पोजीशनों में से एक है. साथ ही यह उन महिलाओं की भी पसंद है जिसमें शुरुआत करने का अधिकार वे अपना मानती है और पुरुष उनको ऐसा करते देखना पसंद करते हैं. इसमें पुरुष अपनी पीठ केबल लेट जाता है. इस दौरान चाहे तो वह तकिये के सहारे कंधा /सिर का हिस्सा उठा सकता है. अब महिला उसके चेहरे की ओर अपना चेहरा करके बैठ जाए . इस दौरान पुरुष का शरीर महिला की दोनों टांगों के बीच होगा तथा महिला की योनि पुरुष के लिंग के उपर या सामने होगी. इसके पश्चात घुड़सवार पोजीशन दो तरीकों में बंट जाती है.
पहले तरीके में महिला अपने चेहरे को पुरुष के चेहरे के काफी करीब ले जाती है. इससे उसे चूमने का अवसर मिलता है. इस दौरान वह अपने हाथ पुरुष के कंधे के बगल से टिका कर सहारे के रुप में प्रयोग करती हैतथा इसमें उसके पांव बिस्तर के समानान्तर होते है.
दूसरे तरीके में महिला अपने हाथ पीछे की ओर करके अपने को पीछे की ओर झुका लेती है. इस तरीके में पुरुष को योनि में लिंग प्रवेश का पूरा दृश्य दिखाई देता है जो उसे तीव्र उत्तेजना में सहायक होता है.


5. एशियन घुड़सवार पोजीशन

यह घुड़सवार पोजीशन से लगभग मिलती जुलती पोजीशन है . महज थोड़े से अंतर से यह घुड़सवार पोजीशन से थोड़ी अलग हो जाती है. इसमें महिला को पुरुष द्वारा कुछ ज्यादा सपोर्ट मिल जाता है. घुड़सवार पोजीशन में बिस्तर के समानान्तर फैले पांवों पर घुटनों के बल रतिक्रीड़ा थोड़ी स्थिर सी लगती है लेकिन जवां और फुर्तीले लोगों के लिये इसमें थोड़ा परिवर्तन कर एशियन घुड़सवार पोजीशन बनी है. इसमें महिला अपने पांव बिस्तर के लंबवत कर लेती है और घुटनो से मोड़ कर सीधे योनि को लिंग के उपर ले आती है. इस पोजीशन को पाने के लिये पुरुष पीठ के बल सीधे लेट जाए और महिला उसके कूल्हों से अपने पांव सटा कर खड़ी हो जाए फिर घुटनों से पांव मोड़ते हुए बैठने की कोशिश करें अंततः एशियन घुड़सवार पोजीशन बन जाएगी. हालांकि इस पोजीशन में महिला को रति क्रीड़ा में मेहनत ज्यादा लगती है लेकिन पुरुष महिला को कूल्हों पर हाथ से सहारा देकर इस पोजीशन को शानदार बना सकता है.


6. मिश्रित पोजीशन
यह हत्था कुर्सी पोजीशन के बेहतरीन फेरबदल का नतीजा है. यह तरीका प्रवेश के बाद शानदार घर्षण का अवसर उपलब्ध कराता है, जो आनंद में गुणात्मक वृद्धि कराता है. इस पोजीशन को पाने के लिये पुरुष अपने हाथों के सहारे पैर फैला कर बैठ जाए. फिर महिला भी उसी तरह पैर फैलाते हुए हाथ के सहारे थोड़ा पीछे झुकते हुए अपनी योनि को पुरुष के लिंग के ऊपर ले जाए. इस दौरान उसके पांव घुटनों के पास से थोड़ा मुड़े होते है. जो उसे उपर-नीचे होने के लिये सहायता प्रदान करते हैं. हालांकि इस पोजीशन में महिला के हाथों पर थोड़ा जोड़ पड़ने पर थकान का अनुभव करते है रतिक्रीड़ा की गति को प्रभावित करते हैं. लेकिन यह सेक्स पोजीशन तब विस्फोटक और परमानंददायी होती है जब महिला कठोर व मजबूत मसल्स पावर वाली होती है.
7. शाही पोजीशन
इस पोजीशन मे महिला पुरुष का चेहरे से बेहतर संपर्क रहता है. इस पोजीशन में दोनों के बीच काफी निकटता रहती है और यह पोजीशन उन जोड़ो के लिये बेहतर है जो रतिक्रीड़ा के दौरान एक दूसरे को चुंबन करने में ज्यादा रुचि रखते हैं. इस पोजीशन के लिये पुरुष किसी पलंग या उस जैसे किसी अन्य जगह पर पांव नीचे करके बैठ जाता है. फिर महिला उसके चेहरे की ओर अपना चेहरा करते हूए उसके लिंग के उपर या सामने अपने योनि को ले जाते हुए अपनी टांगे सामने फैला देती है. साथ ही महिला के हाथ पुरुष के शरीर से सहारा लेने के काम आते है. इस पोजीशन में रतिक्रीड़ा के दौरान पुरुष चाहे तो अपने हाथ पीछे कर सहारे के रुप में प्रयुक्त कर सकता है वहीं दूसरी ओर हाथों को महिला के कूल्हों या कमर के पास से सहारा देकर धक्कों में मदद के साथ गति भी बढ़ा सकता है. बदकिस्मती से चित्र में दिखाई गई पोजीशन धक्कों के हिसाब से उतनी बेहतर नहीं कही जा सकती (जितनी रेटिंग में दिखाई गई है) . पोजीशन के संपूर्ण आनंद के लिये स्टूल या चेयर का प्रयोग करें इसमेंमहिला को पांव के सहारे के ज्यादा सही अवसर होते हैं. इसके अलावा भी इसमें अपने हिसाब से बैठने की व्यवस्था बनाकर पोजीशन को ज्यादा आनंददायी बनाया जा सकता है.




8. उल्टीशाही पोजीशन
यह पोजीशन शाही पोजीशन की ही तरह है बस इसमें महिला अपनी चेहरा पुरुष के चेहरे के दूसरी ओर कर लेती है. एक तरह से यह पीछे से प्रवेश की भी पोजीशन है. इसमें पुरुष की स्थिति ठीक शाही पोजीशन की ही तरह रहती है लेकिन महिला पुरुष की ओर पीठ करके ठीक उसके लिंग के सामने अपनी योनि को लाकर खड़ी होती है. फिर धीरे से योनि को लिंग में प्रवेश कराती है. इस पोजीशन में महिला काफी आरामदायक स्थिति में रहती है. इसमें उसे सहारा उसके पैरों से मिलता है जिससे उसे धक्के लगाने में भी आसानी होती है. यह पोजीशन आश्चर्यजनक रूप से परिवर्तनशील है इसलिये इसे कुछ अन्य आइडिया के साथ दूसरे फर्नीचर पर भी अपनाई जा सकती है.


अंगरक्षकः इस पोजीशन में महिला पहले सीधी खड़ी होती है फिर कमर के पास से थोड़ा सा आगे की ओर झुके जिससे कूल्हे थोड़ा बाहर की ओर निकल आएंगे फिर अपने घुटनों को मोड़ते हुए थोड़ा नीचे झुकती है और इस दौरान वह अपने नितंबों को बाहर की ओर निकालती है इससे योनि का हिस्सा दिखने लगता है. तत्पश्चात पुरुष पीछे से प्रवेश की प्रक्रिया करता है. इस पोजीशन में रतिक्रीड़ा के दौरान पुरुष चाहे तो महिला के हाथ पकड़ कर या फिर महिला की कमर पकड़ कर धक्के की गति बढ़ा सकता है.

श्वान: इस पोजीशन में महिला को कुछ -कुछ श्वान की सी स्थिति में आना पड़ता है. इसके लिये महिला पेट के बल सीधी लेट जाए फिर घुटनों को मोड़ते हुए कमर को उठाना शुरु करे फिर चाहे तो सिर की ओर कोहनी से शरीर को सहारा दे या फिर स्तनों के पास से या पूरे हाथ से . तत्पश्चात पुरुष अपने घुटनों के बल बैठ कर या फिर सुविधानुसार खड़े होकर अपना लिंग महिला की योनि में प्रवेश करा सकता है.




9. उल्टी मिशनरी पोजीशन

यह पोजीशन वास्तव में सबसे आरामदायक और सरल पोजीशन मानी जाती है. इस पोजीशन को पाने के लिये पुरुष पीठ के बल लेट जाता है और महिला उसके उपर लेट कर प्रवेश कराती है. इस पोजीशन में महिला का उपरी हिस्सा मसलन गाल, गला, स्तन चुंबन के लिये पर्याप्त अवसर प्रदान करते है.


10. उल्टा पीछे से प्रवेश
कलाबाज पोजीशन में परिवर्तन लाने से बनी यह पीछे से प्रवेश की उल्टी पोजीशन निकटता को लेकर सर्वाधिक पसंद की जाने वाली पोजीशन है. इस पोजीशन में जी स्पॉट उत्तेजना के लिये बेहतरीन एंगल मिलता है जिससे की एक शानदार प्रवेश का अवसर मिलता है साथ ही इस दौरान महिला के स्तनों से खेलने का भी पर्याप्त अवसर पुरुष के पास होता है. इस पोजीशन को पाने के लिये पुरुष पीठ के बल लेट जाता है और महिला अपनी योनि उसके लिंग में प्रवेश कराते हुए उसके चेहरे की ओर पीठ करके बैठ जाती है . फिर सामने की ओर टांगे फैलाते हुए पीठ के बल पुरुष के उपर लेट जाती है . इस स्थिति में महिला इस स्थिति में नहीं होती कि वह धक्कों का दारोमदार अपने उपर ले इस लिये धक्के लगाने का काम इस पोजीशन में पुरुष के जिम्मे होता है

हाथः इसमें महिला के शरीर पर अभिगमन के काफी अवसर होते हैं पुरुष चाहे तो हाथो के प्रयोग से शरीर पर उत्तेजना फैला सकता है.
तकियाः पुरुष चाहे तो अपनी पीठ या कमर के नीचे तकिया लगा कर उठाव ले सकता है.



11. रोडियो पोजीशन

यदि आप और आपका पार्टनर घुड़सवार पोजीशन में फिसलने की समस्या से परेशान है तो यह पोजीशन काफी लाभदायक रहेगी. इस पोजीशन में अधिकतम भगशिश्न उत्तेजना मिलती है इसलिये चरमोत्कर्ष का आनंद काफी बढ़ जाता है. यह पूरी तरह घुड़सवार पोजीशन है बस इसमें महिला का चेहरा पुरुष के विपरीत होता है . इसमें पुरुष महिला के उत्तेजक अंगों से नहीं खेल सकता है. लेकिन महिला के कूल्हों को उपर नीचे होते देखने का तथा रतिक्रीड़ा में जुटे अंगों का विस्तृत दृश्य देखने को मिलता है.




12. झूला पोजीशन

यह काफी दृढ़ संसर्ग वाली पोजीशन है . यह पोजीशन महिला पुरुष को संसर्ग के दौरान काफी निकट ले आती है. इस पोजीशन में पुरुष अपनी टांगे फैला कर बैठ जाता है. फिर महिला उसके कंधो से हाथों के सहारे उसके लिंग के सामने अपनी योनि लाकर प्रवेश कराती है और अपनी टांगे पीछे की और सीधे ले जाती है. इसमें पुरुष के कंधे के सहारे महिला ही धक्के की जिम्मेदारी निभाती है. हालांकि इस पोजीशन में धक्के की गति काफी धीमी होती है. लेकिन बगैर प्रयास के इसे कम न आंकें.

सेक्स पोजीशन जब महिला उपर हो

पोजीशन ही सेक्स क्रिया का महत्वर्ण पड़ाव होता है. तमाम प्रयासों का निष्कर्ष इसी पर आकर शुरू होता है. सेक्स पोजीशन की महत्ता प्राचीन काल से ही रही है. इसपर वात्सायन ने भी काफी कुछ दिया है, तो चीन में भी काफी कुछ नया मिला हैपाश्चात्य देशों ने भी इस पर काफी कुछ नया किया है. हिन्दुस्तान में मुगलों ने रति क्रीड़ा के आसनों को एक नया आयाम और रूप दिया. वहीं आज इसपर काफी कुछ शोध होते होतेकई आनंददायी रूपों में निखर कर सामने आया है. इन प्राचीनतम , आधुनिकतम पाश्चात्य का निचोड़ यह है कि सेक्स पोजीशन को पांच मुख्य भागों में बांटा जा सकता है. इनमें है

* जब महिला उपर हो
* जब पुरुष उपर हो
* खड़े होकर
* अन्य पोजीशन
* मुख मैथुन पोजीशन



जब महिला उपर हो
जैसा की नाम से ही स्पष्ट है कि इस पोजीशन में महिला अपने पार्टनर के उपर होती है. विन्यास के अनुसार इसमें रिसीवर () अपने पार्टनर के उपर रह कर आनंद की नाव खेता है. इस पोजीशन में प्रवेश गहराई तक होता है तथा नियंत्रण काफी कुछ हद तक महिला के पास रहता है. इस पोजीशन में महिला रति क्रीड़ा की गति और योनि में लिंग के प्रवेश की गहराई सहित उसके धक्के को नियंत्रित कर सकती है. इसलिये जब महिला तेज सेक्स से डरती हो तथा सेक्स क्रिया के दौरान पुरुष महिला को पावर का प्रयोग करते देखना चाहता है उनके लिये यह पोजीशन काफी बेहतर है.

1. कलाबाज पोजीशन
यह पोजीशन सेक्स के चरम तक जाकर आनंद लेने वालों के लिये है. इस पोजीशन को सहजता से पाने का तरीका यह है कि इसके लिये पुरुष को अपनी पीठ के बल लेट जाने दे. फिर उसके लिंग के उपर योनि को ले जाकर महिला घुटनों तक अपने पैर बिस्तर पर सीधे कर ले फिर घुटनों के उपर जाघों को सीधा करते हुए योनि को धीरे धीरे लिंग में प्रवेश कराएं. इसके पश्चात महिला पुरुष के उपर पीछे की ओर झुकते हुए पीठ के बल लेट जाए. यह पोजीशन कलाबाज पोजीशन कहलाएगी. इस पोजीशन में दाता (पुरुष ) पर स्ट्रोक करने की जिम्मेदारी होती है, लेकिन नियंत्रण महिला का ही होता है.
मूल्यांकन

· महिला (Receiver) को सहूलियत ☻☻☻☺
· महिला (Receiver) को परेशानी ☻☻
· महिला (Receiver) को आनंद ☻☻☻☻
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· पुरुष (Giver) को सहूलियत ☻☻☻☻☺
· पुरुष (Giver) को परेशानी ☻☻☺
· पुरुष (Giver) को आनंद ☻☻☻☺
-------------------------------------------------
· अंतरंगता (Intimacy) ☻☻☻☻☺
· प्रवेश की गहराई ☻☻☻☻
· प्रवेश की गतिशीलता ☻☻☻☺

उन्नयन
तकियाः इस पोजीशन में ज्यादा आनंद के लिये उसके पीछे तकिया रखा जा सकता है.
हाथों का प्रयोगः इसके तहत महिला को ज्यादा आनंद देने के लिये पुरुष उसके सीने के साथ खिलवाड़ कर सकता है

परिवर्तन
एशियन घुड़सवारः इसमें महिला ही मोर्चा संभालती है. यह फुर्तीले और जोशीले लोगों का पसंदीदा आसन है. इसमें महिला पुरुष के उपर उकड़ू होकर अपनी योनि उसके लिंग में प्रवेश कराती है. तथा पुरुष उसके चूतड़ो को अपने हाथों से सहारा देता है.

घुड़सवारः यह तरीका एशियन घुड़सवार पोजीशन से मिलता जुलता है. इसमें प्रवेश व घर्षण की तीव्रता काफी तेज रहती है. इसमें महिला अपनी टांगे बिस्तर पर फैला कर घुटनो के बल पुरुष के लिंग के उपर बैठती है. उपर नीचे होने में सहायता के लिये पुरुष अपने हाथों से उसके कमर के पास से सहारा देता है.

उल्टा पीछे से प्रवेशः यह तरीका कलाबाज से मिलता हूआ है. इसमें कलाबाज पोजीशन में थोड़ा बदलाव करते हुए महिला को अपने पांव खोल कर सीधे कर लेने हैं तो पुरुष को घुटनों से अपने पांव उपर उठा लेना है. यह तरीका पुरुष को महिला के अंगों को सहलाने का पूरा मौका देता है. इस तरीके में महिला के पास पूरी कमान नहीं होती है क्योंकि वह अपना भार स्थिर रखने की वजह से नियंत्रण से पकड़ कमजोर हो जाती है. इसमें घर्षण और हरकत की पूरी जिम्मेदारी पुरुष पर होती है.

चेहरे पर सवारीः काउगर्ल पोजीशन के सारे आनंद और नियंत्रण की शुरुआत इसी पोजीशन से शुरु होती है. यह मूलतः मुख मैथुन की पोजीशन है. इसमें पुरुष पीठ के बल सीधा लेटा जाता है और महिला घुटनों के बल अपना भग क्षेत्र पुरुष के चेहरे के उपर ले जाती है. यह काफी पसंद इसलिये की जाती है क्योंकि इसमें नियंत्रण महिला के हाथ में होता है तथा वह आगे पीछे होकर अपना फोकस बदल सकती है. ज्यादा दबाव के लिये थोड़ा नीचे आकर उत्तेजना वृध्दि का आनंद उठा सकती है.
रोडियोः यह घुड़सवार पोजीशन का उल्टा तरीका है. इसमें पुरुष महिला की पीठ का हिस्सा देख सकता है साथ ही महिला के स्तन आदि तक उसे पहुंचने में कठिनाई होती है. जिन्हें घुड़सवार पोजीशन में फिसलने में परेशानी हो उनके लिये जी-स्पाट घर्षण की यह सही पोजीशन है. वैसे भी इसमें जी-स्पाट को काफी तरीके से रगड़ा जा सकता है साथ ही इसमें पुरुष को प्रवेश का काफी हिस्सा मिलता है. इसमें पुरुष पीठ के बल लेट जाता है और महिला उसके चेहरे की ओर पीठ करके उसके लिंग के उपर घुटनों के बल आकर प्रवेश कराती है. तथा अपने शरीर को सहारा पुरुष के पांवों में हाथ टिकाकर देती है. इसलिये इस तरीके में तेज और आसान सेक्स होता है.


2. अमेजॉन पोजीशन
यह पोजीशन कमजोर लोगों के लिये नहीं है, इस पोजीशन में कठोर महिला ही उपर होती है. यह प्रवेश का आसान तरीका भी नहीं है. यह पोजीशन महिला को नियंत्रण का इन्द्रियबोध और पावर प्रदान करती है, जो कि ज्यादातर पोजीशनों में नहीं पाई जाती है. इस पोजीशन में महिला अपने पार्टनर को विहंगम रूप से देख सकती है तो इस पोजीशन में खुद उसके स्तन व आसपास के क्षेत्र एक नए कोण से एक्सपोज होते है जो उत्तेजना की वृद्धि में सहायक होती है. इसमें पुरुष पीठ के बल लेट कर अपने पांव उपर उठा कर घुटनों से मोड़ लेता है. इसके पश्चात महिला पुरुष के कूल्हों के सहारे अपने कूल्हे को टिकाते हुए अपनी योनि को उसके लिंग में प्रवेश कराती है. इस दौरान पुरुष अपने पैरों से उसे कांख के पास से सहारा देता है तो महिला स्वयं अपने हाथों से पांवों को पकड़ कर बैलेंस बनाते हुए स्वयं का सहारा लेती है.

के औंला पसाउँदा योनिको प्वाल ठूलो हुन्छ ?

पक्कै नै हाम्रा अन्य अङ्गहरूको नाप फरक भएजस्तै योनिको सामान्य अवस्थाको नापमा पनि केही विविधता हुने नै भयो । योनिको सालाखाला लम्बाइको कुरा गर्ने हो भने लम्बाइ यस्तै ३ इन्चको हुन्छ । यौन उत्तेजनाको बेलामा यसको लम्बाइ केही बढ्न जान्छ र ४ इन्चसम्म पनि पुग्न सक्छ र योनिद्वार पनि केही खुल्न जान्छ । नली आकारको अङ्ग भए पनि यसले पाइपको जस्तो जतिखेर पनि प्वाल वा खाली ठाउँ रहेको स्थिति भने हुँदैन । सामान्य अवस्थाको कुरा गर्दा यसको भित्ताहरू एक अर्कासँग टाँसिएका हुन्छन् । योनि मांसपेशीले बनेको नली आकारको एक विशेष अंग हो र यस अङ्गमा निकै नै तन्कन र खुम्चन सक्ने गुण हुन्छ । तन्कन र खुम्चन सक्ने गुण भएकै कारण विभिन नापको लिङ्ग योनिमा प्रवेश गर्दा मिल्ने स्थिति रहन्छ । योनिमा कुनै कुरा (औंला होस् वा लिङ्ग वा अरू कुनै वस्तु ) प्रवेश गराइएमा वरिपरिबाट योनिको भित्ता सो कुरामा टाँसिएको अवस्थामा नै हुन्छ । वस्तुअनुसार नै यसको गोलाइमा परिवर्तन हुन्छ । कुरा बुझ्न सजिलो होस् भनेर एकपल्ट ओंठ (मुख) सँग दाँजौं । सामान्य अवस्थामा माथि र तलतिर गरेर ओठको निश्चित सालाखाला नाप हुने गर्छ । तर यसको अर्थ यो होइन कि अलिकति सानो वा ठूलो भयो भन्दैमा ओठले समात्नै वा च्याप्ने नसक्ने त होइन । ओठले काँटी वा सियोजस्तो पातलो कुरालाई पनि समाउन सक्छ र केही मोटो जस्तै कि केरा वा पाइपजस्ता कुरालाई पनि । योनिमा पनि यस्तै हुने भएकाले पातलो र मोटो कुरालाई ओठले समाउन सक्छ भन्ने कुरा बुझ्नु जरुरी छ ।

एकछिन विचार गर्नुहोस् त, कुनै ठूलो आकारको कुरा मुखमा हालियो भन्दैमा त्यो सधैं खुकुलो भएर सानो कुरा च्याप्नै नसक्ने गरेर खुकुलो हुन्छ र ? पक्कै नै हुादैन । योनि कसिलो बनाउन चाहने हो भने योनिको मांसपेशीलाई कडा बनाइराख्न केगेल कसरत एक राम्रो उपाय हो । केगेल कसरत हामीले पिसाब फेर्दा रोक्नलाई प्रयोग गर्ने मांसपेशीको कसरत हो । मांसपेशीको संकुचन गरेर पिसाब रोक्ने प्रयास गर्ने र यो प्रक्रिया दोहर्‍याउने, तेहर्‍याउने गरेर कसरत गरिन्छ । पछि यो मांशपोशी बलियो भए पछि यसलाई संकुचित गरेर यौन सम्पर्कको बेलामा तपाईंको पे्रमी वा भनौं हुनेवाला श्रीमान्को लिङ्गलाई बेस्सरी समात्न प्रयोग गर्न सकिन्छ र दुवैलाई यौन सुख प्राप्ति गर्न मद्दत मिल्छ